दैनिक पंचांग – अक्तूबर 2010
9/18/2010 9:21:15 PM
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आचार्य राघवकीर्ति (काकागुरु) इंदौर - मध्य प्रदेश
06-10-2010 आश्विन कृष्ण पक्ष (पितर-पक्ष)
के 14 वें दिन पितरों को फल और भोजन आदि का तर्पण करके चतुर्दशी श्राद्ध ना मनाएं. केवल वही
परिवार इस श्राद्ध को करें जिनके यहाँ कभी अकाल मृत्यु हुई हो. इस दिन अन्य पितरों का श्राद्ध करने वाले परिवार को अनावश्यक लड़ाई झगड़े में फंसना पडता
है. परिवार के सदस्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं. घर के कम आयु लोगों की अकाल
मृत्यु (अल्पायु में
मृत्यु) होनी शुरु हो जाती है. स्पष्ट रूप से इस दिन केवल उन्हीं लोगों का श्राद्ध किया
जाना चाहिए जिनकी मृत्यु युद्ध, दुर्घटना आदि के कारण अकाल मृत्यु हुई हो. अन्यत्र कारणों से निधन होने वाले पितरों
का श्राद्ध अगले दिन अर्थात अमावस्या के दिन किया जाना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - aacharya@mahavidya.org
05-10-2010
जय गणेश
|
|| आज का पंचांग ||
|
‘’तिथिर्विष्णुस्तथा वारो नक्षत्रं विष्णुरेव च
योगश्च करणं चैव सर्वं विष्णु मयं जगत’’
शोभन नाम - संवत 2067, शक 1932, दक्षिणायन, शरद ऋतु
|
माह : आश्विन मास कृष्ण पक्ष
|
तिथि : द्वादशी उपरांत त्रयोदशी
|
वार : मंगलवार
|
नक्षत्र : मघा
|
योग : शुभ
|
करण: तैतिल
|
आज का शुभ समय : : प्रातः 09-30 से 10-30 तक और अपरान्ह
03-30 से 04-30 तक
|
आज का पर्व : त्रयोदशी का श्राद्ध, जरुरतमंद को मिष्ठान्न
– खाद्य पदार्थ का दान करें
|
||चौघड़िया मुहुर्त||
||Choghadiya Muhoort||
|
दिनांक
: अक्टूबर 05, 2010,
मंगलवार
|
स्थान
: दिल्ली
|
सूर्योदय
: 06-05 am
|
सूर्यास्त
: 06-21 pm
|
दिन का चौघड़िया
(Day Time Choghadiya)
|
रात्रि की चौघड़िया
(Night Time Choghadiya)
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
रोग
|
06-05 am
|
07-37 am
|
काल
|
06-21 pm
|
07-49 pm
|
उद्वेग
|
07-37 am
|
09-09 am
|
लाभ
|
07-49 pm
|
09-17 pm
|
चर
|
09-09 am
|
10-41 am
|
उद्वेग
|
09-17 pm
|
10-45 pm
|
लाभ
|
10-41 am
|
12-13 pm
|
शुभ
|
10-45 pm
|
12-13 am
|
अमृत
|
12-13 pm
|
01-45 pm
|
अमृत
|
12-13 am
|
01-41 am
|
काल
|
01-45 pm
|
03-17 pm
|
चर
|
01-41 am
|
03-09 am
|
शुभ
|
03-17 pm
|
04-49 pm
|
रोग
|
03-09 am
|
04-37 am
|
रोग
|
04-49 pm
|
06-21 pm
|
काल
|
04-37 am
|
06-05 am
|
खगोलीय स्थिति
के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त्त दिन के 24 घंटों की दशा बताने वाली तालिका है. एकाएक कोई शुभ कार्य आरम्भ करने की स्थिति आने पर
चौघड़िया मुहूर्त्त
के अनुसार
कार्य करना उत्तम
होगा.
|
टिप्पणी : अमृत, लाभ और शुभ को शुभ चौघड़िया
माना जाता है. चर को सामान्य चौघड़िया माना गया है. उद्वेग, काल और रोग को अशुभ चौघड़िया माना जाता है.
|
04-10-2010
जय गणेश
|
|| आज का पंचांग ||
|
‘’तिथिर्विष्णुस्तथा वारो नक्षत्रं विष्णुरेव च
योगश्च करणं चैव सर्वं विष्णु मयं जगत’’
शोभन नाम - संवत 2067, शक 1932, दक्षिणायन, शरद ऋतु
|
माह : आश्विन मास कृष्ण पक्ष
|
तिथि : एकादशी
|
वार : सोमवार
|
नक्षत्र : आश्लेषा
|
योग : साध्य
|
करण: बालव
|
आज का शुभ समय : : प्रातः 09-30 से 10-30 तक और अपरान्ह
03-30 से 04-30 तक
|
आज का पर्व : एकादशी का श्राद्ध, जरुरतमंद को सफ़ेद
मिष्ठान्न – तरल खाद्य पदार्थ का दान
करें
|
||चौघड़िया मुहुर्त||
||Choghadiya Muhoort||
|
दिनांक
: अक्टूबर 04, 2010
|
स्थान
: दिल्ली
|
सूर्योदय
: 06-05 am
|
सूर्यास्त
: 06-21 pm
|
दिन का चौघड़िया
(Day Time Choghadiya)
|
रात्रि की चौघड़िया
(Night Time Choghadiya)
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
अमृत
|
06-05 am
|
07-37 am
|
चर
|
06-21 pm
|
07-49 pm
|
काल
|
07-37 am
|
09-09 am
|
रोग
|
07-49 pm
|
09-17 pm
|
शुभ
|
09-09 am
|
10-41 am
|
काल
|
09-17 pm
|
10-45 pm
|
रोग
|
10-41 am
|
12-13 pm
|
लाभ
|
10-45 pm
|
12-13 am
|
उद्वेग
|
12-13 pm
|
01-45 pm
|
उद्वेग
|
12-13 am
|
01-41 am
|
चर
|
01-45 pm
|
03-17 pm
|
शुभ
|
01-41 am
|
03-09 am
|
लाभ
|
03-17 pm
|
04-49 pm
|
अमृत
|
03-09 am
|
04-37 am
|
अमृत
|
04-49 pm
|
06-21 pm
|
चर
|
04-37 am
|
06-05 am
|
खगोलीय स्थिति
के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त्त दिन के 24 घंटों की दशा बताने वाली तालिका है. एकाएक कोई शुभ कार्य आरम्भ करने की स्थिति आने पर
चौघड़िया मुहूर्त्त
के अनुसार
कार्य करना उत्तम
होगा.
|
टिप्पणी : अमृत, लाभ और शुभ को शुभ चौघड़िया
माना जाता है. चर को सामान्य चौघड़िया माना गया है. उद्वेग, काल और रोग को अशुभ चौघड़िया माना जाता है.
|
03-10-2010
जय गणेश
|
|| आज का पंचांग ||
|
‘’तिथिर्विष्णुस्तथा वारो नक्षत्रं विष्णुरेव च
योगश्च करणं चैव सर्वं विष्णु मयं जगत’’
शोभन नाम - संवत 2067, शक 1932, दक्षिणायन, शरद ऋतु
|
माह : आश्विन मास कृष्ण पक्ष
|
तिथि : दशमी
|
वार : रविवार
|
नक्षत्र : पुष्य
|
योग : शिव
|
करण: विष्टि
|
आज का शुभ समय : : प्रातः 09-30 से 10-30 तक और दोपहर 02-00 से 03-00 अपराह्न तक
|
आज का पर्व : दशमी का श्राद्ध, जरुरतमंद को सफ़ेद
मिष्ठान्न – खाद्य पदार्थ का दान करें
|
||चौघड़िया मुहुर्त||
||Choghadiya Muhoort||
|
दिनांक
: अक्टूबर 03, 2010
|
स्थान
: दिल्ली
|
सूर्योदय
: 06-05 am
|
सूर्यास्त
: 06-21 pm
|
दिन का चौघड़िया
(Day Time Choghadiya)
|
रात्रि की चौघड़िया
(Night Time Choghadiya)
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
उद्वेग
|
06-05 am
|
07-37 am
|
शुभ
|
06-21 pm
|
07-49 pm
|
चर
|
07-37 am
|
09-09 am
|
अमृत
|
07-49 pm
|
09-17 pm
|
लाभ
|
09-09 am
|
10-41 am
|
चर
|
09-17 pm
|
10-45 pm
|
अमृत
|
10-41 am
|
12-13 pm
|
रोग
|
10-45 pm
|
12-13 am
|
काल
|
12-13 pm
|
01-45 pm
|
काल
|
12-13 am
|
01-41 am
|
शुभ
|
01-45 pm
|
03-17 pm
|
लाभ
|
01-41 am
|
03-09 am
|
रोग
|
03-17 pm
|
04-49 pm
|
उद्वेग
|
03-09 am
|
04-37 am
|
उद्वेग
|
04-49 pm
|
06-21 pm
|
शुभ
|
04-37 am
|
06-05 am
|
खगोलीय स्थिति
के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त्त दिन के 24 घंटों की दशा बताने वाली तालिका है. एकाएक कोई शुभ कार्य आरम्भ करने की स्थिति आने पर
चौघड़िया मुहूर्त्त
के अनुसार
कार्य करना उत्तम
होगा.
|
टिप्पणी : अमृत, लाभ और शुभ को शुभ चौघड़िया
माना जाता है. चर को सामान्य चौघड़िया माना गया है. उद्वेग, काल और रोग को अशुभ चौघड़िया माना जाता है.
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02-10-2010
जय गणेश
|
|| आज का पंचांग ||
|
‘’तिथिर्विष्णुस्तथा वारो नक्षत्रं विष्णुरेव च
योगश्च करणं चैव सर्वं विष्णु मयं जगत’’
शोभन नाम - संवत 2067, शक 1932, दक्षिणायन, शरद ऋतु
|
माह : आश्विन मास कृष्ण पक्ष
|
तिथि : नवमी
|
वार : शनिवार
|
नक्षत्र : पुनर्वसु
|
योग : परिघ
|
करण: तैतिल
|
आज का शुभ समय : दोपहर 01-50 से सायं 05-00 तक श्राद्ध का समय- 12 बजे से 2 बजे तक
|
आज का पर्व : नवमी का श्राद्ध, जरुरतमंद को खाद्य पदार्थ
और सिले हुए वस्त्र का दान करें
|
||चौघड़िया मुहुर्त||
||Choghadiya Muhoort||
|
दिनांक
: अक्टूबर 02, 2010
|
स्थान
: दिल्ली
|
सूर्योदय
: 06-05 am
|
सूर्यास्त
: 06-21 pm
|
दिन का चौघड़िया
(Day Time Choghadiya)
|
रात्रि की चौघड़िया
(Night Time Choghadiya)
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
काल
|
06-05 am
|
07-37 am
|
लाभ
|
06-21 pm
|
07-49 pm
|
शुभ
|
07-37 am
|
09-09 am
|
उद्वेग
|
07-49 pm
|
09-17 pm
|
रोग
|
09-09 am
|
10-41 am
|
शुभ
|
09-17 pm
|
10-45 pm
|
उद्वेग
|
10-41 am
|
12-13 pm
|
अमृत
|
10-45 pm
|
12-13 am
|
चर
|
12-13 pm
|
01-45 pm
|
चर
|
12-13 am
|
01-41 am
|
लाभ
|
01-45 pm
|
03-17 pm
|
रोग
|
01-41 am
|
03-09 am
|
अमृत
|
03-17 pm
|
04-49 pm
|
काल
|
03-09 am
|
04-37 am
|
काल
|
04-49 pm
|
06-21 pm
|
लाभ
|
04-37 am
|
06-05 am
|
खगोलीय स्थिति
के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त्त दिन के 24 घंटों की दशा बताने वाली तालिका है. एकाएक
कोई शुभ कार्य आरम्भ करने की स्थिति आने पर चौघड़िया मुहूर्त्त के अनुसार कार्य
करना उत्तम होगा.
|
टिप्पणी : अमृत, लाभ और शुभ को शुभ चौघड़िया
माना जाता है. चर को सामान्य चौघड़िया माना गया है. उद्वेग, काल और रोग को अशुभ चौघड़िया माना जाता है.
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01-10-2010
जय गणेश
|
|| आज का पंचांग ||
|
‘’तिथिर्विष्णुस्तथा वारो नक्षत्रं विष्णुरेव च
योगश्च करणं चैव सर्वं विष्णु मयं जगत’’
शोभन नाम - संवत 2067, शक 1932, दक्षिणायन, शरद ऋतु
|
माह : आश्विन मास कृष्ण पक्ष
|
तिथि : अष्टमी
|
वार : शुक्रवार
|
नक्षत्र : आर्द्रा
|
योग : वरियन
|
करण: बालव
|
आज का शुभ समय : दोपहर 12-30 से दोपहर 02-30 तक
|
आज का पर्व : अष्टमी का श्राद्ध, जरुरतमंद को सफ़ेद
मिष्ठान्न – खाद्य पदार्थ का दान करें
|
||चौघड़िया मुहुर्त||
||Choghadiya Muhoort||
|
दिनांक
: अक्टूबर 01, 2010
|
स्थान
: दिल्ली
|
सूर्योदय
: 06-05 am
|
सूर्यास्त
: 06-21 pm
|
दिन का चौघड़िया
(Day Time Choghadiya)
|
रात्रि की चौघड़िया
(Night Time Choghadiya)
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चौघड़िया
Choghadiya
|
आरम्भ
|
समाप्त
|
चर
|
06-05 am
|
07-37 am
|
रोग
|
06-21 pm
|
07-49 pm
|
लाभ
|
07-37 am
|
09-09 am
|
काल
|
07-49 pm
|
09-17 pm
|
अमृत
|
09-09 am
|
10-41 am
|
लाभ
|
09-17 pm
|
10-45 pm
|
काल
|
10-41 am
|
12-13 pm
|
उद्वेग
|
10-45 pm
|
12-13 am
|
शुभ
|
12-13 pm
|
01-45 pm
|
शुभ
|
12-13 am
|
01-41 am
|
रोग
|
01-45 pm
|
03-17 pm
|
अमृत
|
01-41 am
|
03-09 am
|
उद्वेग
|
03-17 pm
|
04-49 pm
|
चर
|
03-09 am
|
04-37 am
|
चर
|
04-49 pm
|
06-21 pm
|
रोग
|
04-37 am
|
06-05 am
|
खगोलीय स्थिति
के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त्त दिन के 24 घंटों की दशा बताने वाली तालिका है. एकाएक
कोई शुभ कार्य आरम्भ करने की स्थिति आने पर चौघड़िया मुहूर्त्त के अनुसार कार्य
करना उत्तम होगा.
|
टिप्पणी : अमृत, लाभ और शुभ को शुभ चौघड़िया
माना जाता है. चर को सामान्य चौघड़िया माना गया है. उद्वेग, काल और रोग को अशुभ चौघड़िया माना जाता है.
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